सनातन महाराज ने कहा कि प्रत्येक भक्त को भगवान की ह्रदय से भक्ति करनी चाहिए भगवान सहज है, सरल है करुणामयी है वो आपके दु:खो का निवारण अवश्य करता है बस भक्ति ऐसी होनी चाहिए कि भगवान भक्त को याद करे। भगवान नि:स्वार्थ भाव से की गई भक्ति से मोहित होते है और हमें मनवांछित फल देते है।
कृष्णा सेवा संस्थान अध्यक्ष धर्मेंद्र दवे ने कहा कि कथा के दूसरे दिन आरती के सहयोगी गोविन्द घांची व किशन घांची परिवार रहे व प्रसाद व्यवस्था चेतन माली द्वारा की गई।
पुरुषोतम गोयल ने कहा कि सनातन महाराज द्वारा भागवत कथा के दूसरे दिन सुकदेवजी का आगमन, कुंती स्तुति व भगवान की महिमा वर्णन के बारे में बताया गया। उत्तमसिंह राजपुरोहित ने कहा कि कथा का समापन 27 अक्टूम्बर को होगा व कल बुधवार को कपिल देव हुती संवाद,सती चरित्र व ध्रुव चरित्र के बारे में बताया जाएगा।
इस अवसर पर तुलसीदास महाराज कैलाश धाम, रघुवीर महाराज जसोल, जनार्दन महाराज, आसुराम सुथार, रामस्वरूप अग्रवाल, बद्रीलाल भाटी, भरत भाटी, देवीलाल गौड़, अरुण गौड़ सहित सैकड़ो की संख्या में महिलाएं व भक्त गण उपस्थित रहे।
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