साधना और आराधना के साथ शारदीय नवरात्रा महोत्सव घट स्थापना से शुरू


जसोल। श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान जसोलधाम में शारदीय नवरात्रा पर्व घट स्थापना के साथ शुरू हुआ। नवरात्रा पर्व में आदि शक्ति की साधना, आराधना, उपासना और महाप्रसाद का विशेष महत्व रहता है। नवरात्रा पर्व के प्रथम दिवस मां शैलपुत्री की पूजा विधिवत रूप से की गई, जिसमें पंच दशनाम जूना अखाड़ा अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं संत महामंडल अध्यक्ष दिल्ली (एनसीआर) तथा दूधेश्वर महादेव मंदिर (गाजियाबाद) महंत नारायण गिरी महाराज के पावन सानिध्य में आचार्य तोयराज उपाध्याय सहित विद्वान पंडितों के श्रीमुख से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ संस्थान अध्यक्ष रावल किशन सिंह जसोल द्वारा जसोल मां के अनन्य भक्तों की संपूर्ण मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए विधिपूर्वक पूजन किया गया। इसके पश्चात हवन में आहुतियां दी गईं। इस धार्मिक अनुष्ठान में भक्तों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और मां के प्रति अपनी श्रद्धा और आस्था व्यक्त की।


हवन पूजन से पूर्व जसोल सर्व समाज की कन्याओं का विधिवत पूजन कर उन्हें अन्न प्रसादम करवाया गया। कन्या पूजन को नवरात्रा पर्व के दौरान विशेष महत्व दिया जाता है, जिसमें कन्याओं को मां दुर्गा का रूप मानकर पूजा जाता है। मंदिर परिसर में भक्तों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई, ताकि वे इस पवित्र अवसर पर मां दुर्गा की आराधना कर सकें और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकें। शारदीय नवरात्रा महोत्सव के प्रथम दिवस की पूजा और हवन के साथ ही पूरे जसोलधाम में भक्तिमय वातावरण का संचार हुआ।

मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी, जिन्होंने मां शैलपुत्री, श्री राणीसा भटियाणीसा सहित मंदिर परिसर स्थित समस्त मंदिरों के दर्शन कर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की मंगल कामना की। नवरात्रा के इस पवित्र पर्व के दौरान नौ दिनों तक जसोलधाम में विविध धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें भक्तों को आदि शक्ति की महिमा और उनकी कृपा का अनुभव करने का अवसर मिलेगा।

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