मोतियां वाली मां भटियाणीसा, भक्तों रे मनडे विराजो; जसोलधाम में हजारों श्रद्धालुओं ने दिया राति जोगा, भोर तक भजनों का रसपान कर झूमे श्रोता


जसोल। भाद्रपद त्रयोदशी की उजयारी रात में संस्थान अध्यक्ष रावल किशन सिंह जसोल के मार्गदर्शन में मां माजीसा की ज्योत के साथ जसोलधाम में शुरू हुआ रात्रि जागरण जो चौदस की प्रभात वेला तक अनवरत जारी रहा। रात्रि जागरण में हजारों श्रद्धालु मन्दिर परिसर में बैठ जसोल मां की आराधना करते हुए झूम उठे। भजन गायक श्याम पालीवाल ने गजानंद वंदना, गुरु वंदना की प्रस्तुति के साथ रात्रि जागरण का आगाज किया। भजन गायक श्याम पालीवाल ने घट घट में बिराजो माजीसा, मायड़ मोतियां वाली, तेरस री रात माजीसा आज थाने आणो है, माजीसा भक्तो रे बुलाया वेगा आइजो, मेहंदी माजीसा रे मन भाय के गुणगान से समूचे वातवरण को भक्ति से ओतप्रोत कर दिया।

उसके बाद लोक गायक जसु खान ने मां के रात्रि जागरण में आवो पधारो म्हारा माजीसा, माजीसा कठे रे सोया रे सुख भरी नींद में, मोरुड़ा जसोल गढ़ में बोल्यो रे भजनों की प्रस्तुति दी। साथ ही भजन गायक विष्णु प्रजापत एवं कुटले खां ने अपनी सुमधुर वाणी से भक्तों को रूबरू करवाया। और स्थानीय भजनी हेमाराम मेघवंशी व तेजाराम दमामी ने भी राति जोगा में अपनी प्रस्तुति दी।


इस दौरान सिवाना विधायक हमीरसिंह भायल, शेरगढ़ विधायक बाबुसिंह राठौड़, न्यायाधीश नीलमचंद सांखला, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी भुवनेश्वरसिंह चौहान, संस्थान समिति सदस्य गुलाबसिंह डंडाली, कुं. हरिश्चंद्रसिंह जसोल व हड़वंतसिंह बुड़ीवाड़ा, सुमेरसिंह वरिया, नारायणसिंह, भूपतसिंह, जोगसिंह असाड़ा, जितेंद्रसिंह, जगदीशसिंह, विक्रमसिंह डंडाली, सुमेरसिंह डाभड़, गुमानसिंह मेवानगर, वीपीसिंह झंवर, उमेश चौधरी दुदुवा, राकेश परिहार बालोतरा, हेमाराम, देवेंद्र कुमार माली जसोल सहित जसोल मां के अनन्य भक्तगण मौजूद रहे। रात्रि जागरण में मंच संचालन राजू माली बालोतरा ने किया।

अन्नपूर्णा प्रसादम लाभ

मंदिर संस्थान द्वारा शुरू की गई अन्न पूर्णा प्रसादम लाभ योजना के तहत भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्दशी को भोजन प्रसादी (अन्नपूर्णा प्रसादम) का लाभ राणूमल सुपुत्र  प्रबूमल चौधरी निवासी-अमरकोट, राज्य-सिंध (पाकिस्तान) द्वारा लिया गया। 


महाआरती मे गूंजे मां के जयकारे

ढोलों की धमक, थाली की टंकन, नगाड़ों की सुरली ताल व गेरियों की दमक के साथ जब जसोल मां की आरती उतारी गई तो सारा जहां को देखने लायक था। आरती में मौजूद श्रद्धालुओं के जयकारों से मन्दिर गुंजयमान रहा।

रातिजोगा को लेकर श्रद्धालुओं ने की सराहना

जसोलधाम में दर्शनों को लेकर आने वाले हजारों श्रद्धालुओं की आस्था मां में निहित होती है। उसी के चलते त्रयोदशी पर मां राणीसा भटियाणीसा के दर्शनों बाद उनके नाम का रात्रि जागरण दिया जाता है। राति जागरण का आयोजन जसोल मन्दिर परिसर में नही होने के चलते श्रद्धालुओं को हर बार परेशानी होती थी। जिसको देखते हुए मन्दिर संस्थान प्रांगण में रातिजोगा का आयोजन किया गया। जहां बैठकर हजारों श्रद्धालुओं ने मां के नाम रात्रि जागरण दिया। और संस्थान का आभार जताया।

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