त्रयोदशी पर जसोल मां का विशेष श्रृंगार: 45 डिग्री भीषण गर्मी में भी हजारों श्रद्धालुओं ने किए दर्शन, ढोल व नगाड़ों के साथ मां की उतारी गई जगमग आरती
सभी मंदिरों में भी किए दर्शन
श्रद्धालुओं ने परिसर स्थित सवाईसिंहजी, लालबन्नासा, खेतलाजी, भेरूजी व बायोसा के मंदिरों में दर्शन-पूजन कर व प्रसाद चढ़ा परिवार में खुशहाली की कामना की। दिनभर श्रद्धालुओं की आवाजाही लगी रही और हजारों श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन किए। मंदिर संस्थान की ओर से श्रद्धालुओं के लिए छाया, पानी, फव्वारे, चिकित्सा व सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए।
बड़ी संख्या में पहुंचे पैदल जत्थे
त्रयोदशी को भीषण गर्मी मे दर्शन करने के लिए बाड़मेर, जोधपुर, जालोर, सांचौर, सिरोही, पाली, जैसलमेर आदि जिलों से सैकड़ों किमी की दूरी तय कर दर्जनों की संख्या में पैदल जत्थे मंदिर पहुंचे। डीजे साउंड पर बजते माजीसा के भजनों पर झूमते-नाचते मंदिर पहुंचे श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंचकर माजीसा के समक्ष शीश नवाया। मंदिर में मां के दर्शनार्थ आए नव विवाहित जोड़ों ने मंदिर की परिक्रमा लगाकर अपने सुखी दांपत्य जीवन की कामना की। त्रयोदशी की पूर्व संध्या पर मन्दिर प्रांगण में संस्थान की ओर से जागरण का आयोजन किया गया। जहां स्थानीय गायकों ने मां के भजनों की प्रस्तुति दी।
त्रयोदशी पर छप्पन भोग का लिया लाभ
राणी भटियाणी मन्दिर संस्थान की ओर से श्रद्धालुओं को प्रसादी का लाभ मिले उसकी कड़ी में शुरू की गई छप्पन भोग योजना का लाभ लेने के लिए श्रद्धालुओं में उत्साह नजर आ रहा है। श्रद्धालु संस्थान के साथ जुड़ छप्पन भोग का लाभ ले रहे हैं। वैशाख शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को छप्पन भोग लाभार्थी स्वर्गीय देवीचंद सुपुत्र स्वर्गीय भारमल एवं उनके सुपुत्र शा पन्न्नालाल, दलपतराज, धनराज सुपौत्र निर्मल कुमार, विनोद कुमार, दीपक कुमार सुपौत्री अनुशका श्रीश्रीमाल लड्डू गोता परिवार निवासी लूणी हाल निवास समदड़ी, बैंगलोर एवं ईरोड द्वारा छप्पन भोग के तहत कन्या पूजन का भी लाभ लिया गया।
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