समलेगिंग विवाह की अनुमति देना हमारे संस्कारों का विनाश करना है- दवे

समलेगिंग विवाह की अनुमति देना हमारे संस्कारों का विनाश करना है- दवे


बालोतरा।
कृष्णा सेवा संस्थान द्वारा संस्थान के मार्गदर्शक पूर्व सभापति पारस भंडारी के नेतृत्व में उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन देकर सुप्रीम कोर्ट से निवेदन किया है कि समलेगिंग विवाह की अनुमति देना अनुचित है।

कृष्णा सेवा संस्थान अध्यक्ष धर्मेन्द्र दवे ने कहा कि हमारा देश विवाह प्रवर्ती से चलने वाला देश है जिसमें सभी धर्म समाज में विवाह के लिए एक पुरुष एक महिला का होना आवश्यक है। लेकिन इस तरह के विवाह का कोई विधान नहीं है, अगर पुरुष से पुरुष और महिला से महिला आपस में विवाह करने लगे तो ये हमारे देश के संस्कारों को नष्ट करने जैसा है। ये पश्चिम देशों की पद्द्ति है जो हमारे देश में स्वीकार्य व सफल नहीं होंगी। हम सुप्रीम कोर्ट से निवेदन करते है कि ऐसे कानूनों को मान्यता ना दे।

संस्थान के मार्गदर्शक पूर्व सभापति पारस भंडारी ने भी ऐसे कानूनों पर कड़ी आपत्ति जतायी है उन्होंने कहा कि ऐसे कानून बनाकर ये प्रवर्ती आम हो जाएगी जिससे बच्चों का स्वास्थ्य खतरे में पड़ सकता है। परिवार व समाज के संस्कार नष्ट हो जाएंगे। इसलिए कृपया कर ऐसे कानून ना बनाए जिससे सामाजिक ढांचा ही बिगड़ जाए।

इस अवसर पर रामगोपाल राजपुरोहित, लक्ष्मण माली, आनंद दवे, विपिन दवे, अशोक व्यास सहित सदस्य मौजूद रहे।

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