नवरात्रि पर्व के सातवें दिन माँ कालरात्रि की पूजा, लगाया गुड़ की प्रसाद का भोग

नवरात्रि पर्व के सातवें दिन माँ कालरात्रि की पूजा, लगाया गुड़ की प्रसाद का भोग


जसोल। राणी भटियाणी मंदिर संस्थान के तत्वावधान में जसोलधाम मंदिर में मंगलवार को चैत्र नवरात्रि पर्व के सप्तम दिवस माँ दुर्गा के स्वरूप माँ कालरात्रि की पूजा विधि-विधान से एवं ॐ ऐं हीं क्ली चामुंडाये विच्चे ॐ काल रात्रि दैव्ये नमः आदि मंत्रोचार से पंडित मनोहरलाल अवस्थी, पंडित नितेश त्रिपाठी व वेद विध्या पीठ गाजियाबाद के 18 पंडितों द्वारा की गई एवं गुड़ से बनी प्रसाद का भोग लगाया गया। शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि पर्व के सातवें दिन यानी सप्तमी को मां दुर्गा के सातवें स्वरूप माता कालरात्रि की पूजा की जाती है। नवरात्रि में सप्तमी तिथि का विशेष महत्व है। असुरों का वध करने के लिए मां दुर्गा ने यह रूप धारण किया था।


मान्यता है कि सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा करने से भूत, प्रेत या बुरी शक्तियों से छुटकारा मिलता है और भय समाप्त होता है। मां कालरात्रि को गुड़ और गुड़ से बनी चीजें पसंद है। इसलिए महासप्तमी के दिन माता राणी को गुड़ से बनी चीजों का भोग लगाने से वे प्रसन्न होती हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।

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