सम्मेद शिखरजी को झारखंड सरकार द्वारा पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में जैन समाज ने निकाला मौन जुलूस, राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

सम्मेद शिखरजी को झारखंड सरकार द्वारा पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में जैन समाज ने निकाला मौन जुलूस, राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन


बालोतरा।
शहर में बुधवार को ओसवाल समाज द्वारा तीर्थराज सम्मेद शिखरजी जैन तीर्थ को झारखंड सरकार द्वारा पर्यटक स्थल घोषित करने और शत्रुंजय गिरिराज पर असामाजिक तत्वों द्वारा मंदिर में तोड़फोड़ करने के विरोध में खतरगच्छ आचार्य जिनमनोज्ञासुरीश्र्वरजी म.सा. के नेतृत्व में मौन जुलूस निकालकर ज्ञापन सौंपा गया।


आचार्य जिनमनोज्ञासुरीश्र्वरजी ने बताया कि तीर्थराज सम्मेद शिखरजी पार्श्वनाथ पर्वत, जैन तीर्थों का राजा, जहाँ जैन धर्म के 24 तीर्थकरों में से 20 तीर्थकरों जैनों के सर्वोच्च परमात्मा ने मोक्ष की प्राप्ति की हैं ऐसा "सिद्धक्षेत्र" जिसका कण-कण पवित्र हैं, जैनों की आस्था का परम केन्द्र हैं। यह विश्वविख्यात जैन तीर्थ झारखंड राज्य के गिरिडीह जिले में छोटा नागपुर पठार पर स्थित हैं। 1350 मीटर (4430 फुट) ऊंचा यह पहाड़ झारखंड का सबसे ऊंचा स्थान भी है। इस तीर्थ को झारखंड सरकार द्वारा पर्यटक स्थल घोषित करने से इस पवित्र स्थल की पवित्रतता नष्ट हो जाएगी। ऐसे महान तीर्थों की रक्षा का अधिकार हैं। अतः इस निर्णय के विरूद्ध हम जैन धर्म के अनुयायी विरोध करते हैं। यदि इस निर्णय को खारीज नही किया गया तो लाखों जैनी और गुरूभगवन्त आमरण अनशन पर चलें जायेगें।

वहीं विश्व विख्यात तीर्थराज शत्रुंजय जो की गुजरात के पालिताना की पहाड़ीयों में स्थित है, जैनों का शास्वत महातीर्थ है वहाँ पर भी कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा जैन संघों की आस्था व श्रद्धा को चुन्नौति देते हुए धर्मस्थानों में तोड-फोड की गयी है। रोहिशाला स्थित आदेश्वर भगवान की अति प्राचीन चरण पादुका को खंडित किया गया है। नीलकंठ महादेव के समीप जिन भक्ति मडप विश्रांति गृह के बार्डे को तोड़ा गया है। इसी पवित्र शत्रुंजय पहाड़ी के इर्द गिर्द गैर कानूनी माइनिंग-उत्खनन भी किया जा रहा है। इस प्रकार जैनों की आस्था एवं श्रद्धा को हानि पहुंचाने के कार्य बेधड्डले से हो रहे हैं।

अध्यक्ष शांतिलाल डागा ने बताया कि जैनों के उक्त दोनों महान तीर्थो एवं आस्था के केन्द्रों पर हो रहे धार्मिक अत्याचारों एवं पवित्र संस्कृति को नष्ट करने के प्रयासों को ठोस एवं प्रभावी निर्णय कर अतिशीघ्र कार्रवाई की जाए। अन्यथा सम्पूर्ण जैन समाज में, जो कि पूर्णतया शांतिप्रिय एवं अहिंसावादी हैं, विरोध के स्वर में खड़े हो जाएंगे।

इस दौरान मंत्री महेंद्रकुमार वैद, तेरापंथ सभा अध्यक्ष धनराज ओस्तवाल, जैन नवयुवक मंडल अध्यक्ष सुजल हुंडिया, सभापति सुमित्रा देवी जैन, गणपत बांठिया, मदनराज चौपड़ा, रमेश भंसाली, ओमप्रकाश बांठिया, संदीप ओस्तवाल, तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्षा विमलादेवी संकलेचा आदि जैन समाज के प्रबुद्धजन मौजूद रहें।

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