जोधपुर सिलेंडर ब्लास्ट में दादी के बाद दादा-पोते की मौत: दूल्हे को तैयार करने आया दिलीप बचाने तीन बार आग में कूदा, मौत
मंगलवार को महात्मा गांधी अस्पताल में इलाज के दौरान दूल्हे के पिता सगत सिंह (55), दिलीप कुमार (24), सुगन कंवर (56), आईदान सिंह (9) की मौत हो गई। हादसे में अब मृतकों की संख्या 22 पर पहुंच गई है। करीब आठ जने अभी भी आईसीयू में है और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
वहीं इस घटना के बाद कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने भी अस्पताल का दौरा किया और घायलों के इलाज के बारे में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ दिलीप कच्छावाह और अस्पताल अधीक्षक डॉ. राजश्री बेहरा से इलाज के बारे में जानकारी ली। यहां पर फिलहाल मरीजों के परिजनों के लिए एक काउंसिलिंग कक्ष बनाया गया है। इसमें बैठे अस्पताल के स्टाफ मरीजों के इलाज के बारे में पूरी जानकारी देंगे। इधर इस घटना की सूचना मिलते ही गांव में मातम छा गया है।
अस्पताल में अब हर कोई दुआ कर रहा है कि मौतों का यह आंकड़ा यही रुक जाए। पांच दिन में 22 मौतों का आंकड़ा काफी बड़ा है। अस्पताल में लाने के बाद 20 जने दम तोड़ चुके हैं। अस्पताल में भर्ती 54 में से 22 जनों की मौत हो चुकी है। अभी भी 32 घायल अस्पताल में भर्ती है।
दूल्हें को तैयार करने आया था दिलीप
24 साल के दिलीप सैन जिसकी मंगलवार को मौत हुई वह दूल्हे को तैयार करने के लिए आया था। हादसे के बाद वह लोगों को बचाने के लिए खिड़की तोड़ कमरे में घुसा और तीन लोगों को आग से बचाकर घर से बाहर निकला। लेकिन, लोगों को बचाने के दौरान वह 50 प्रतिशत से अधिक झुलस गया था।
इलाज में जुटी टीम
अस्पताल अधीक्षक डॉ. राजश्री बोहरा ने बताया कि घटना के बाद से ही प्लास्टिक सर्जन रजनीश गालवा व अन्य डॉक्टरों की टीम जुटी हुई है। प्रत्येक वार्ड में डॉक्टर्स व नर्सेज अपनी जिम्मेदारी के साथ काम कर रहे हैं। 24 डॉक्टरों की टीम दिन-रात इलाज में जुटी है। इनमें सीनियर और जूनियर सहित रेजिडेंट डॉक्टर भी शामिल हैं।
अब जागा प्रशासन, जारी किए निर्देश
जिला प्रशासन ने जोधपुर के कीर्तिनगर एवं भूंगरा (शेरगढ़) में गैस सिलेण्डर जनित हृदय विदारक हादसों को देखते हुए हादसों की रोकथाम के लिए जिले के समस्त बीपीसीएल/आईओसीएल/एचपीसीएल गैस एजेंसी धारकों को विस्तृत निर्देश जारी किए हैं। इसमें सिलेण्डर में गैस रिसाव/लीक की पूर्ण जांच करने, आवश्यक होने पर उपभोक्ताओं को सिलेंडर वासर को चेंज करके सिलेंडर आपूर्ति कराने, सिलेंडर में पूर्ण वजन जांच करने की बात कही गई है।
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