रक्षाबंधन का पर्व प्राणी मात्र की रक्षा और सद्भावना का प्रतीक- डॉ जीआर भील

रक्षाबंधन का पर्व प्राणी मात्र की रक्षा और सद्भावना का प्रतीक- डॉ जीआर भील

रिपोर्टर योगेश सोनी @बालोतरा


बालोतरा।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बालोतरा की विवेकानंद शाखा में रक्षा बंधन का पर्व हर्षोल्लास व धूमधाम के साथ मनाया गया।

बालोतरा जिला संघ चालक डॉ जी आर भील ने रक्षा बंधन की बधाई देते हुए कहा कि आज के दिन सीमा पर अपनी रक्षा करने वाले वीर जवानों के प्रति कृतज्ञता रखे। रक्षाबंधन पर्व सामाजिक और पारिवारिक एकबद्धता या एकसूत्रता का सांस्कृतिक उपाय रहा है। सामाजिक महत्ता के साथ ही पौराणिक कथाओं, महाभारत के अतिरिक्त ऐतिहासिक व साहित्यिक कई प्रसंग मिलते हैं।

भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्य समिति सदस्य गणपत बांठिया ने स्वयं सेवकों के साथ रक्षा सूत्र बांधकर सद्भाव का संदेश दिया। स्वयं सेवकों के साथ रक्षा सूत्र बांधकर आपसी प्रेम व भाईचारें का संदेश देते हुए रक्षाबंधन के पावन पर्व की बधाईयां दी। बांठिया ने कहा कि यह पर्व सांप्रदायिकता और वर्ग-जाति की दिवार को गिराने में भी मुख्य भूमिका अदा करता है। रक्षाबंधन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्त्व है। रक्षा का मतलब सुरक्षा और बंधन का मतलब बाध्य है। 

इस दौरान जिला कटुम्ब प्रबोधन प्रमुख बजरग सिंह, भंवरलाल प्रजापत, कमलेश वैष्णव, लीलेश बालड़, संजय छाजेड़, प्रवीण गोयल, सुरेश भाटी सहित अनेकों स्वयं सेवक उपस्थित रहें। उसके बाद सभी स्वयंसेवकों ने सेवा बस्ती में जाकर राखी बांधकर रक्षा बंधन की बधाई दी।

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