गरीब बच्चों को बांटी खुशिया: खुशी फाउंडेशन ने असहाय गरीब बच्चों को करवाया नाश्ता

गरीब बच्चों को बांटी खुशिया: खुशी फाउंडेशन ने असहाय गरीब बच्चों को करवाया नाश्ता

रिपोर्टर योगेश सोनी @बालोतरा

बालोतरा। खुशियों का त्यौहार, खुशियां बांटने का त्यौहार, इसे हर कोई बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाता है, लेकिन इस समाज में एक तबका ऐसा भी है जो इन खुशियों से महरूम रहता है, उनके लिए न दीपावली खास है, ना होली, ऐसे जरूरतमंद बच्चों के चेहरे पर छोटी सी मुस्कान देने के लिए कुछ लोग निकल कर सामने आते है। इसी मंशा के साथ खुशी फाउंडेशन ने फुटपाथ पर जीवन बसर कर रहे बच्चों के साथ खुशियां बांटी। खुशी फाउंडेशन ने आज मौनी अमावस्या के दिन गरीब बच्चों को नाश्ता करवाया।


खिल उठी मुस्कान

जहां देशभर में लोग अपने घरों में दोस्तों के साथ खुशियां बांट रहे हैं, लेकिन समाज के इस तबके लिए खुशियां मायने सिर्फ जरूरमंद गरीब बच्चों में जगमगाती रोशनी है, चेहरे पर मानो खुशी का कोई ठिकाना नहीं होता। 

बच्चों के चेहरे पर मुस्कान ही काफी है


खुशी फाउंडेशन के सदस्य संजय संभवानी बताते हैं कि दिवाली दीपों का त्योहार है, इसे हर कोई बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाता है, लेकिन इस समाज में एक तबका ऐसा भी है जो इन खुशियों से महरूम रहता है, उनके लिए न दीपावली खास है, ना होली, ऐसे मायूस चेहरों पर एक मुस्कान देने के लिए हर महीने इसी दीपावली की तरह हम इन बच्चों के साथ कुछ वक्त बिताते है। नाश्ता करवाते है, मिठाइयां देते हैं, जिससे इनके चेहरों पर प्यारी सी मुस्कान आ जाती और मुस्कान दुनियां की हर खुशी से बड़ी खुशी है।

कोरोना ने दिखाया एकरूपता का आईना

खुशी फाउंडेशन के सदस्य भरत मेघनानी ने बताया कि पिछले तीन वर्षों जिस तरह से कोरोना का संकट काल रहा उसने इस बात का ज्यादा अहसास करा दिया कि ना कोई गरीब है ना कोई अमीर, मानवता सबसे बड़ी है। यह तो कुछ मौके होते है जिन्हें हमें आपस में मिलकर एंजॉय करना चाहिए, बच्चों को हर महीने नाश्ता, मिठाइयां बांटकर बच्चों के चेहरे को भिन्न भिन्न रंगो से सजाया। वहीं गणतंत्र दिवस के इस ख़ास मौके पर जरूरमंद बच्चों को चित्रकला, कलर, लड्डू वितरित किए।

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