गौ माता की शवयात्रा में उमड़े सैकड़ों लोग, ढोल-बाजे के साथ निकाली गई शवयात्रा

गांव में पहली बार निकाली गौ माता की शवयात्रा

रिपोर्टर योगेश सोनी @बालोतरा

बालोतरा। निकटवर्ती असाड़ा गांव में गौ माता की शव यात्रा में उमड़े सैकड़ों लोग ढोल बाजों के साथ गौ माता की शव यात्रा निकाली गई उसके बाद गौ माता को मंत्त्रो उपचारण व रीति रिवाज के साथ समाधि दी गई। ग्राम असाडा़ में शनिवार को एक शव यात्रा देखकर लोग चौक गए। दरअसल एक शव यात्रा निकाली जा रही थी। लेकिन शव किसी इंसान का नहीं था बल्कि एक गाय का था। फूलों से सजी हुई आगे ढोल-बाजे चल रहे थे और गाय के ऊपर चुनरी और साड़ियां उड़ाई गई थीं।


असाडा़ निवासी देवराम सैन के घर बचपन से पाली गई पालतू गौ माता की शव यात्रा निकाली गई। उन्होंने बताया कि गाय की शुक्रवार की रात को मौत हो गई थी। शनिवार को गौ माता को विधि विधान के साथ तैयार कर शव यात्रा को गांव के मुख्य मार्ग से निकाला। इस अवसर पर ग्रामीणों द्वारा भजनों की प्रस्तुति दी गई। इस शोभायात्रा में सैकड़ों ग्रामीण उमड़ पड़े और शव यात्रा में गौ माता की जयकार करते हुए गुलाल की वर्षा की ग्रामीणों ने बताया कि जिस प्रकार मनुष्य की शव यात्रा निकालते हैं उसी तरह गौ माता की विशाल शव यात्रा निकाली गई। महिलाओं द्वारा गौमाता को गंगाजल से स्नान कराया गया। इस अवसर पर मंत्रों का भी उपचारण किया गया इस यात्रा को देखकर गांव की महिलाओं ने गाय को चुनरी उड़ाकर आरती पूजन कर अंतिम विदाई दी। गौमाता को रीति रिवाज व मंत्रों के उपचारण के साथ समाधि दी गई। इस अवसर पर सरपंच प्रतिनिधि रणवीर सिंह महेचा, प्रवीण जैन, चंदू भारती, बंटी दास, खीमाराम चौधरी सहित सैकड़ों लोग गौ माता की शव यात्रा में उपस्थित थे।

देवाराम सैन ने बताया कि उसने गौ माता की 25 साल तक सेवा की है। शुक्रवार रात को गौ माता का देवलोक होने पर बहुत दुख हुआ। इस गौ माता को उसने बच्चे की तरह पाल-पौष कर बड़ा किया था।

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