नाकोड़ा तीर्थ पर उमड़ा आस्था व श्रद्धा का सैलाब, पौष दशम के मेले में समूचे देश से उमड़े श्रद्धालु
दिन भर हुआ धार्मिक कार्यक्रमो का आयोजन
रिपोर्टर योगेश सोनी @बालोतरा
बालोतरा। श्री नाकोड़ा महातीर्थ की पावन धरा पर बुधवार से तीन दिवसीय पौष दशमी के मेला का उत्सव शुरू हुआ। तीर्थ पर श्री पार्श्वनाथ प्रभु के जन्म कल्याणक दिवस पर आयोजित मेले में सम्पूर्ण देश से भक्त भाविकों का सैलाब उमड़ा। अल सुबह से ही नाकोड़ा तीर्थ पर श्रद्धालुओं की लाइनें लगनी शुरू हुई जो दिन भर जारी रही। श्रद्धालुओ ने श्री नाकोड़ा भैरवनाथ व श्री पार्श्वनाथ भगवान के दरबार मे शीश नवाकर अमन चैन की कामनाये की। दिन चढ़ने के साथ ही लाखों की तादाद में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी।
पैदल संघ पहुचे नाकोड़ा-
पौष दशम के मेले में बड़ी तादाद में श्रद्धालु पैदल संघ के रूप में नाकोड़ा पहुँचे। दोपहर में शानदार वरघोड़ा निकला। बैंड बाजों की मधुर स्वर लहरियों व श्रद्धा के सैलाब से नाकोड़ा तीर्थ में माहौल धर्ममय नजर आया। नाकोड़ा तीर्थ पर मेले को लेकर आकर्षक सजावट भी की गई है। पार्श्वनाथ भगवान व भैरूजी के दर्शन के लिए समूचे देश से आये श्रद्धालुओ की भीड़ से आस्था व श्रद्धा का सैलाब नजर आया।
मेले में सोमवार को तेला करने वालो का उत्तर पारणा हुआ। मंगलवार की रात्रि को भक्ति संध्या का आयोजन हुआ जिसमें अनुराधा पौडवाल व विक्की पारेख की ओर से भजनों की सुमधुर प्रस्तुतियां दी गई। मेले के दौरान बड़ी नवकारसी का भी आयोजन हुआ। बुधवार की रात्रि को भजन संध्या में वैभव बाघमार,अनिल सालेचा व माया जैन ने भजनों की प्रस्तुतियां दी। साथ ही गुरुवार की रात्रि को दिलीप बाफना, अनिल सालेचा,जागृति वडेरा द्वारा भजनों की प्रस्तुतियां दी जाएगी।शुक्रवार को तीर्थ लर तेला का पारणा होगा। मेले के दौरान प्रतिदिन संगीतकार किशोरीलाल देवेरा द्वारा भजनों की सरिता बहाई जा रही है।
तलेसरा परिवार ले रहा मेला आयोजन का लाभ-
सम्पूर्ण मेले के आयोजन का लाभ शाह पुखराज, जवाहरलाल, मदनलाल, मूलचंद, राजेन्द्र कुमार, धनराज, किशोर कुमार, मांगीलाल, प्रकाश, प्रवीण, आशीष, श्रेयांश, श्रेणिक, प्रेम, कुणाल, दर्शन, दीपक, सिद्धांत तलेसरा परिवार जसोल हाल प्रवासी होसपेट-सूरत-कल्याण द्वारा लिया गया है ।
मेले के सफल आयोजन के लिए ट्रस्ट अध्यक्ष रमेश कुमार मुथा के नेतृत्व में गणपत राज चोधरी उप अध्यक्ष,खजांची अशोक कुमार एवम सदस्य गण अशोक कुमार, आनंद हुण्डिया, छगनलाल बोथरा, गजेंद्र संकलेचा, ज्ञानीराम मालू, हंसराज कोटडिया, हुलाश बाफना, चंद्र शेखर छाजेड़, चंद्र प्रकाश मेहता, हीरा चंद बागरेचा, जतन राज कोठारी, जवंत राज मेहता, जितेंद्र कुमार चोपड़ा, कैलाश मेहता, कमलेश कुमार संकलेचा, प्रकाश चंद वडेरा, रतन लाल वडेरा, रमेश कुमार धारीवाल, सुमेर मल बाफना, सुरेश के शाह, तेजराज गुलेच्छा सक्रिय रहे।
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